Lallan Bhardwaj
Friday, 11 November 2011
Saturday, 10 September 2011
Wednesday, 20 July 2011
सरस्वती पूजन
पर्व त्योहार हमारी भारतीय संस्कृति का गौरव हैं और हमारी पहचान भी। इनकी शुद्धता व पवित्रता का सीधा प्रभाव हमारे व्यक्तित्व पर भी पड़ता है। बसंत ऋतु के आगमन से पूर्व माघ शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाए जाने वाले इस त्योहार का उद्देश्य भी कुछ ऐसा ही है। इस अवसर पर प्रकृति के सौंदर्य में अनुपम छटा का दर्शन होता है। वृक्षों के पुराने पत्ते झड़कर नई कोपलें नवजीवन प्राप्त करती हैं। कृषक अपने खेतों में सरसों की स्वर्णमयी कांति को देख आनंद विभोर हो उठता है। ऐसा लगता है कि मानो धरती ने बसंती परिधान धारण कर लिया हो। बाग-बगीचों में लावण्य छिटकने से पक्षियों का कलरव बरबस ही मन को अपनी ओर खींचने लगता है।
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