Saturday 16 July 2011

चढ़ता पारा जुगाड़ हमारा

गरमी अपने चरम पर है। सूर्य की किरणें सबको तपाने लगी हैं। यानी लगातार बढ़ते तापमान ने सबका जीना मुहाल कर दिया है। इस मौसम की मार से बचने के लिए हम घर में कैद तो नहीं हो सकते, मगर कुछ तरकीब तो तलाश ही सकते हैं, जो चढ़ते पारे से हमें निजात दिलाएं। आप भी जानिए एक्सपर्ट के बताए कुछ आसान उपायः

लाइट पहनें कूल रहें
फैशन डिजाइनर, सुलक्षणा मोंगा कहती हैं, मौसम को ध्यान में रखते हुए फैब्रिक में बदलाव के साथ-साथ इस साल ढेर सारे पैटर्न्स को नया लुक दिया गया है, जो गर्मी के अनुकूल भी हैं। यूं तो गर्मियों में रंग-बिरंगे फैशनेबल कपड़ों की भरमार रहती है। घाघरा-चोली हो या साधारण सी दिखने वाली कुरती। प्रिंट और रंग के बहुत सारे विकल्प मिल जाएंगे। मगर इन सब के बीच आपको मौसम के अनुकूल फैब्रिक पर ध्यान देने की जरूरत है। भारी फैब्रिक के बजाय ऐसे कपड़ों का चुनाव करें, जो हल्के होने के साथ लाइट कलर के भी हों। इसके लिए सूती कपड़े सबसे अच्छा ऑप्शन हैं। ये गर्मी से राहत देने के साथ-साथ त्वचा के लिए फ्रेंडली होते हैं। टाइट कपड़े से तौबा करें औैर ढीले कपड़े पहनें। घुटने तक लंबी क्रिंकल स्कर्ट्स का भी फैशन है। हालांकि इस सीजन में कपड़ों की लेंथ को काफी हद तक छोटा किया गया है। जैसे टी-शर्ट और टॉप्स की स्लीव को पहले से काफी छोटा और थोड़ा ढीला किया गया है। बात करें टॉप्स की, तो इस साल मीडियम लेंथ टॉप्स फैशन में रहेंगे। इनको जींस, चूड़ीदार और लैगिंग्स के साथ पहना जा सकता है।

ठंडा खाएं, ठंडा पिएं
मौसम चाहे कोई भी हो, रहन-सहन के साथ खानपान में थोड़ा बदलाव कर हम मौसमी प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं। बस जरूरत है, तो थोड़ी जानकारी की। इस समय ऐसी चीजों को अपने खाने में शामिल करें, जो बॉडी को गर्मी से राहत देते हों।
-इस मौसम में धनिया, प्याज, पुदीने की चटनी के अलावा मौसमी सब्जियों और फलों के सलाद जरूर खाने चाहिए। गर्मी से राहत पाने के लिए चना, गेहूं, जौ का सत्तू भी अच्छा विकल्प है।
-नींबू पानी, नारियल पानी (इनमें शुगर, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं) आदि गर्मियों के लिए अच्छे होते हैं।
-विभिन्न प्रकार की ठंडाई या शर्बत गरमी में रामबाण का काम करते हैं। जलजीरा, कच्चे आम का पना व रस, प्याज, दही शीतलता देने के साथ-साथ लू से भी बचाते हैं। द्यबच्चों को भी मीठी लस्सी, नींबू शर्बत, छाछ ज्यादा-से-ज्यादा दें। इससे वे गर्मी से बचे रहेंगे।
-रोजाना तरबूज या खीरा अपने खाने में जरूर शामिल करें। मसालेदार तली-भुनी चीजों की जगह हरी साग-सब्जियाें व फलों पर अधिक ध्यान दें।
-नशीले पदार्थ गर्मी को और अधिक बढ़ाते हैं। इसलिए इनसे परहेज करें।
इंटीरियर डेकोरेटर छवि सूद कहती हैं कि गर्मी से बचने के लिए विंडो ट्रीटमेंट सही है या नहीं यह देखें। जहां से लाइट और हीट आ रहे हैं, उसे ठीक करें। घर के अंदर और बाहर दोनों का कलर लाइट ही रखें, क्योंकि ये रंग आंखों को सुकून और शीतलता देते हैं। हल्के रंगों में सफेद, लाइट ब्ल्यू, लाइट क्रीम, पिंक, यलो या मोव को शामिल कर सकती हैं। इससे लाइट रिफलेक्ट होती है, जिससे कमरा अंधेरा नहीं दिखता।

कॉमन एरिया में हो कूलर
कॉमन एरिया में एसी लगाने के बजाय कूलर लगाएं। इससे ठंडी हवा का सर्कुलेशन पूरे कमरे में एक बराबर होता है। एसी वाले कमरे का तापमान जब सामान्य हो जाए, तो एसी की कूलिंग कम कर दें। छोटे-छोटे गमले डायनिंग हॉल या गैलरी वगैरह में शिफ्ट करें। इससे घर का तापमान कम हो जाता है।

कारपेट नहीं रग्स बिछाएं
गर्मियों में कारपेट के स्थान पर कॉटन के रग्स, या कॉटन दरी का प्रयोग करना चाहिए। ये कारपेट की अपेक्षा आरामदेह और शीतल होते हैं। एथनिक लुक के लिए आप केन की चटाई दीवारों और फर्श पर लगा सकती हैं। इससे ठंडक का अहसास होता है।

कुशन और चादर रखें लाइट
हल्के रंग के परदे के अलावा बैडशीट, सोफा कवर, फ्लावर डेकोरेशन और ग्रीनरी आदि से भी आप घर को कूल बना सकती हैं। इसलिए कुशन कवर, चादर, पिलो कवर आदि के लिए कॉटन, लिनन या जूट का प्रयोग करें। ये फैब्रिक लिविंग एरिया को हवादार और आरामदायक बनाते हैं।

विंडो पर भी पौधे
उचित वेंटिलेशन के साथ-साथ आप खिड़कियों पर बेल वाले पौधे लगा सकती हैं, क्योंकि कमरे केअंदर रखे हरे पौधे और खिड़कियों पर छायी बेलें खिड़कियों पर छाया रखती हैं और कमरे को ठंडा रखने में सहायक होती हैं।


खिड़कियों पर चिक लगाएं
विंडों पर बाहर की तरफ से बैंबू (केन) की चिक या खस का परदा लगवा सकती हैं। इससे सूरज की तेज रोशनी सीधे-सीधे आपके कमरे तक नहीं आएगी। चिक की खासियत यह है कि इससे गरम हवा कतई अंदर नहीं आती, लेकिन बाहर की रोशनी अंदर तक खूब पहुंचती है। चिक केसाथ खस की पट्टियां लगाकर उन्हें भिगोते रहने पर कमरे में ठंडी हवा आती है। बिजली की बचत करनी हो, तो कमरे को हवादार और ठंडा रखने का यह अच्छा उपाय है।

हैवी मेकअप... ना बाबा ना
ब्यूटी एक्सपर्ट शालिनी वशिष्ठ कहती हैं कि गर्मियों में त्वचा संबंधी समस्याएं आम होती हैं। इसलिए इस समय कम से कम मेकअप करें, ताकि त्वचा खुलकर सांस ले सके । कोई भी मेकअप करने से पहले सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल जरूर करें। त्वचा केलिए पानी का सही सेवन सबसे जरूरी है। सनस्क्रीन लोशन और लेक्टो कैलामाइन गर्मियों में त्वचा के खास दोस्त हैं। सनस्क्रीन जहां सनटैन और सनबर्न से बचाता है, वहीं चुभन वाली गर्मी में लेक्टो केलोमाइन सबसे बढ़िया विकल्प है। बाहर निकलते समय छाता, धूप का चश्मा आदि प्रयोग करें। सादा पानी भी आपकी त्वचा को तरोताजा रखता है, इसलिए बाहर से आने के बाद चेहरे पर पानी के छींटे दें। यह प्राकृतिक मॉइस्चराइजर का काम करता है। खीरे के रस को भी चेहरे पर लगा सकती हैं। इससे सनबर्न (धूप की जलन) की समस्या से बची रहेंगी। नीम की पत्तियों व पुदीने की पत्तियों को उबालकर उस पानी से नहाएं। नियमित इस्तेमाल से कील-मुहांसे व फोड़े-फुंसी में लाभ मिलता है। यदि आप पसीने की बदबू से परेशान रहती हैं, तो आप डियो या रोज बाथ कर सकती हैं। एक बाल्टी पानी में नमक व एक चम्मच डियो या गुलाब की पखुंड़ियां मिलाकर नहाएं। इससे बॉडी से भीनी-भीनी-सी खुशबू आती है।

बालों को दें सुरक्षा कवच
वीएलसीसी, ब्यूटी वर्टिकल की हेड डॉ. शोभा सहगल कहती हैं कि बढ़ती गर्मी का असर सिर्फ त्वचा पर ही नहीं बल्कि बालों पर भी होता है। सूर्य की किरणों, पसीने और धूल आदि से बाल रूखे बेजान से हो जाते हैं। बालों में ड्रायनेस एवं रफनेस की शिकायत बढ़ जाती है, जिससे बाल गिरने लगते हैं। इसके लिए सबसे पहले अपनी हेयर क्वालिटी चेक कर लें। उसके बाद ही शैंपू या कंडीश्नर का उपयोग करें। जब भी आप घर से बाहर निकलें अच्छी कंपनी का सीरम बालों में लगाकर ही निकलें। अगर आप पार्लर जाने की स्थिति में नहीं हैं तो घर पर ही बालों में कंडीशनर के लिए आंवला, रीठा, शिकाकाई, अंडा और दही लगा सकती हैं। बालों में तेल लगाने के बाद तौलिए से 5 मिनट तक स्टीम दें। दूसरे दिन शैंपू से धोएं और कंडीशनर लगाएं।

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